- प्रशिक्षण में विधि विशेषज्ञों द्वारा नवीन कानून में होने वाले परिवर्तनों और उनके सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक पक्ष के संबंध में उपस्थित विवेचकों को विस्तृत जानकारी दी गई।
- ग्वालियर में आयोजित प्रशिक्षण में 250 से अधिक विवेचक हुए शामिल।
ग्वालियर। दिनांक 31.05.2024 – पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 जो कि दिनांक 01 जुलाई 2024 से लागू होने जा रहा है, उसके लिए ग्वालियर जिले में पदस्थ पुलिस अधिकारियों के लिये त्रिदिवसीय प्रशिक्षण आज दिनांक 31.05.2024 से बाल भवन ऑडिटोरियम ग्वालियर में प्रारंभ किया गया। प्रशिक्षण सत्र का विधिवत उद्घाटन पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) द्वारा के द्वारा माँ सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। अति. पुलिस अधीक्षक शहर(मध्य) श्री अखिलेश रेनवाल के द्वारा पुलिस अधीक्षक ग्वालियर एवं उपस्थित कानूनविद का स्वागत किया गया। मंच संचालन सीएसपी विश्वविद्यालय सुश्री हिना खान द्वारा किया गया और प्रशिक्षण की रूपरेखा से उपस्थित प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। उक्त त्रिदिवसीय प्रशिक्षण 02 जून 2024 तक चलेगा जिसमें विधि विशेषज्ञों द्वारा नवीन कानून में होने वाले परिवर्तनों और उनके सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक पक्ष के संबंध में लगातार विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण सत्र के प्रारम्भ में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि नवीन कानून 01 जुलाई 2024 से लागू होने जा जा रहा है। इसलिए आप सभी को भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में नये कानूनों में हुए परिवर्तन एवं प्रक्रिया तथा साक्ष्य संकलन के संबंध में इस सेमीनार के माध्यम से विधि विशेषज्ञों द्वारा उपयोगी जानकारी दी जाएगी, जिसका आप सभी अधिक से अधिक लाभ उठायें। यह प्रशिक्षण आप सभी विवेचकों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पुलिस ही आमजन को न्याय दिलाने के लिये पहली सीढ़ी है। हमें अपने दायित्व को समझना काफी आवश्यक है और यदि हमने अपने दायित्व का पालन ठीक से नही किया तो पीढ़ित को न्याय नही मिल पायेगा। जब आप कोई भी विवेचना करते हैं तो उसमें जो भी दस्ताबेजी साक्ष्य तैयार कर न्यायालय के समक्ष पेश किये जाते है, उसी दस्तावेजों के आधार पर ही न्याय-अन्याय की लड़ाई लड़ी जाती है। इसलिये हमने सही विवेचना नही की तो हम पीढ़ित को न्याय नही दिला पायेंगे। 01 जुलाई 2024 से नया कानून लागू होगा, जिसे लेकर आपको चिंतित होने की आवश्यकता नही है, आपको नये कानून की मंशा को समझना है। नये कानून में डिजिटल साक्ष्य, फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व को बढ़ाया गया है एवं हर चीज की समय सीमा को निर्धारित किया गया है कि कितने समय में विवेचना पूर्ण करके चार्टशीट पेश करना है। आपको अपनी विवेचना अब नये कानून के दायरे में करना है इसलिये इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है यह प्रशिक्षण आपको एक बेहतर विवेचक के रूप में तैयार करेगा और आप अपनी विवेचना को और भी बेहतर कर पायेगें।
आज से आयोजित त्रिदिवसीय प्रशिक्षण सेमीनार में विधि विशेषज्ञ वरिष्ठ एडीपीओ श्री अभिषेक मल्होत्रा, एडीपीओ सतोष शर्मा, मनीष कुमार शर्मा एवं एम.एल.गुप्ता द्वारा नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 में नये कानूनों में हुए परिवर्तन एवं प्रक्रिया की प्रासंगिकता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। विधि विशेषज्ञों द्वारा पुराने एवं नवीन कानूनों की तुलनात्मक जानकारी भी गई गई। नवीन कानून के अनुसार एफआईआर लेखन तथा प्रक्रिया के संबंध में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया। विधि विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान नवीन कानून में होने वाले परिवर्तनों और उनके सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक पक्ष के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में विधि विशेषज्ञों ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी शंका का समाधान भी किया।
आज के प्रशिक्षण में प्रधान आरक्षक से उप निरीक्षक स्तर के लगभग 250 प्रतिभागी उपस्थित हुए। इस प्रकार का प्रशिक्षण लगातार आयोजित किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मचारी नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 से अवगत हो सकें।