🔴 पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर झूठी साजिश में प्रयुक्त कट्टा एवं मोटरसाइकिल की जप्त।
🔴 घटना दिनांक को फरियादी हरीसिंह रावत न तो डबरा गया था और न ही चम्पा आड़तिया द्वारा उसे उस दिन कोई रूपया दिया गया था।
🔴 फरियादी अत्यधिक कर्ज में डूबा होने के कारण अपने चचेरे दामाद के साथ मिलकर उक्त गोली मारकर लूट की झूठी घटना रची थी जिससे लोगों को रूपया वापस नही करना पड़े।

ग्वालियर 08.01.2025 । घटना का संक्षिप्त विवरण:- हरिसिंह पुत्र रामभरोसे रावत उम्र 48 वर्ष निवासी ग्राम रिछारी खुर्द थाना करहिया ने बताया कि वह दिनांक 06.01.2025 को 11.00 बजे घर से अपनी मोटरसाईकिल क्र. एमपी07-जेडबी-4222 से डबरा के लिये निकला था। डबरा में गायत्री मंदिर के पास आड़तिया चम्पा सेठ से धान बेचने के 2,50.000/- रूपये लिये जिनमें से करीव 5000/- रूपये पेट्रोल आदि डलवाने में खर्च हो गये थे। डबरा से भितरवार होेते हुए बनियानी थाना सीहोर जा रहा था तभी पीछे से चकमियांपुर गाँव के थोड़ा आगे दो लोग एक मोटर सायकिल पर आये और अगले पहिये में टक्कर मारकर खेत में गिरा दिया और मेरी जेबों में रखे पैसे निकाल लिये तथा एक बदमाश ने विरोध करने पर मुझे गोली मार दी जो मेरे दाहिने पैर की पिड़ली में लगी। फरियादी की रिपोर्ट पर से थाना भितरवार में अपराध क्रमांक. 05/25 धारा 309(6),311 बीएनएस एवं 11/13 एमपीडीपीके एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। गोली मारकर हुई उक्त लूट की घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह,भापुसे द्वारा अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री निरंजन शर्मा को भितरवार अनुभाग की पुलिस टीमें बनाकर त्वरित कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण स्वयं घटना स्थल पर पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर पुलिस अधिकारियों को उक्त मामले का शीघ्र खुलासा करने के निर्देश दिये।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के परिपालन में एसडीओपी भितरवार श्री जितेन्द्र नगाइच के कुशल मार्गदर्शन में थाना भितरवार अनुभाग की पुलिस टीमों को उक्त घटना का शीघ्र पर्दाफाश करने हेतु लगाया गया। दौराने विवेचना पुलिस टीम द्वारा फरियादी हरीसिहं द्वारा दी गई सूचना की तस्दीक करने पर पाया गया कि सोमवार को घटित घटना दिनांक को हरीसिंह रावत न तो डबरा गया था और न ही चम्पा आड़तिया द्वारा उसे उस दिन कोई रूपया दिया गया था। उक्त गोली मारकर लूट की घटना संदिग्ध प्रतीत होने पर तकनीकी सहयोग से भी इस बात की पुष्टि हुई कि घटना दिनांक को मात्र करियावटी तक फरियादी हरिसिंह रावत गया था उससे आगे नहीं गया और वहीं से वापस लौट आया था। जिस पर से पुलिस टीम द्वारा फरियादी हरीसिंह रावत से गहनता से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि वह अत्यधिक कर्ज में डूबा होने के कारण अपने चचेरे दामाद निवासी देंटा थाना करैरा के साथ मिलकर उक्त गोली मारकर लूट की झूठी घटना रची थी जिससे लोगों को रूपया वापस नही करना पड़े।

पुलिस टीम को विवेचना में यह तथ्य स्पष्ट हुआ कि फरियादी हरीसिंह रावत ने अपने भाई मोहन सिंह के दामाद के द्वारा ही अपने पैर में कट्टे से गोली का घाव बनवाया था। पुलिस द्वारा मोहन सिंह के दामाद को अभिरक्षा में लेकर गहनता से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि उसके साथ चचिया ससुर के बहुत अच्छे संबंध है, घटना दिनांक से एक दिन पहले ही वह रिछारीखुर्द अपनी ससुराल पहुंच गया था घटना दिनांक को दोनों लगभग एक घंटे के अंतर से रिछारीखुर्द से निकले और जब अंधेरा हो गया तो भितरवार से निकलकर चक मियांपुर से थोड़ा आगे मोटरसाईकिल रोककर रोड़ के बगल से गिरा दी तथा सड़क किनारे खेत में जाकर दामाद ने 315 बोर के देशी कट्टे से गोली मार दी और लूट की कहानी गठित कर रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोपी दामाद को गिरफ्तारी कर घटना में प्रयुक्त कट्टा व खाली खोखा बरामद कर लिया गया है।

बरामद मशरूका:- घटना में प्रयुक्त कट्टा व खाली खोखा एवं मोटर साइकिल।

keyboard_arrow_up
Skip to content