🔴 उक्त प्रशिक्षण में प्र.आर. से निरीक्षक स्तर के लगभग 200 विवेचक हुए शामिल।

ग्वालियर। दिनांक 28.04.2025 – गृह मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पुलिस मुख्यालय भोपाल के आदेशानुसार ग्वालियर जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) के कुशल मार्गदर्शन में नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ग्वालियर जिले में पदस्थ प्र.आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक के विवेचको के लिये दिनांक 28.04.2025 से त्रिदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन प्रारम्भ किया गया। उक्त त्रिदिवसीय प्रशिक्षण का आज दिनांक 28.04.2025 से बालभवन ऑडिटोरियम ग्वालियर में प्रारंभ किया गया। प्रशिक्षण सत्र का विधिवत उद्घाटन पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन श्री अरविंद सक्सेना(भापुसे) एवं उप पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज श्री अमित सांघी(भापुसे) द्वारा माँ सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी अति. पुलिस अधीक्षक शहर(पश्चिम) श्री गजेन्द्र सिंह वर्धमान के द्वारा पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन एवं अति. पुलिस अधीक्षक(ग्रामीण) श्री निरंजन शर्मा द्वारा उप पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। मंच संचालन सीएसपी विश्वविद्यालय सुश्री हिना खान द्वारा किया गया और प्रशिक्षण की रूपरेखा से उपस्थित प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। उक्त त्रिदिवसीय प्रशिक्षण 30 अप्रैल 2025 तक चलेगा जिसमें विशेषज्ञों द्वारा नवीन कानून में होने वाले परिवर्तनों एवं नवीन आपराधिक अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

प्रशिक्षण में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन श्री अरविंद सक्सेना(भापुसे) ने अपने संबोधन में कहा कि नये कानून के संबंध में पूर्व से प्रशिक्षण होते आ रहे है, परन्तु यह प्रशिक्षण पहले से हुये प्रशिक्षणों से ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योकि इसकी मॉनिटरिंग म0प्र0शासन द्वारा की जा रही है, और इसकी शुरूआत औपचारिक रूप से ग्वालियर जिले से की जा रही है, इसलिये यह प्रशिक्षण अनुसंधान के लिये लाभप्रद है। उन्होने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाले इन अधिनियमों को लागू हुए लगभग 10 माह पूर्ण हो चुके हैं इसलिए अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों को नवीन कानून को गहराई से समझकर अमल में लाना है। यह प्रशिक्षण पुलिस के अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों के लिए काफ़ी लाभप्रद है। उन्होने कहा कि किस प्रकार गंभीर अपराध के मामलों में घटना स्थल का निरीक्षण किया जाना चाहिये तथा घटना स्थल से किस प्रकार के साक्ष्य एकत्रित करके एफएसएल जांच के लिये भेजे जाने चाहिये, इस पूरी प्रक्रिया को आप इस प्रशिक्षण के माघ्यम से सीखेंगे। यह प्रशिक्षण आपको एक बेहतर विवेचक के रूप में तैयार करेगा और इसके क्रियान्वयन से आप अपनी विवेचना को और भी बेहतर कर पायेंगे।

प्रशिक्षण सत्र में उप पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज श्री अमित सांघी(भापुसे) ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि 01 जुलाई 2024 से हमारे तीन नये कानून आये है, जिनके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इसकी महत्वता को समझे और इसका लाभ लें। उन्होने कहा कि नये कानून बीएनएस में कुछ धाराओं का विलोपन किया गया है और साथ ही कुछ नई धाराओं को जोड़ा भी गया है। हमें इस प्रशिक्षण के दौरान इन नई धाराओं का उपयोग कब और कहॉ किस प्रकार करना है उसके संबंध में जानना है। डीआईजी ग्वालियर ने उपस्थित विवचकों से कहा कि सीखने की कोई उम्र नही होती है इसलिये विवेचना के दौरान आने वाली कठिनाइयों को भार नही समझना है बल्कि उसे चुनौतीपूर्वक लेकर उसका सामना करें, ताकि आप अपना कार्य अच्छे से कर पायेंगे। उन्होने अपने संबोधन के अंत में उपस्थित पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों से कहा कि मुझे आशा है कि आप इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर अपनी विवेचना में और गुणवत्ता लेकर आयेंगे।

आज से आयोजित त्रिदिवसीय प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में सीसीटीएनएस से प्रशिक्षण देने आये प्र.आर0 संजय बनवारिया एवं प्र.आर0 सोमेन्द्र सिंह द्वारा ई-एफआईआर एवं जीरो एफआईआर सीसीटीएनएस पर किस प्रकार की जानी चाहिये, उसके संबंध में बताया गया तथा प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में प्रभारी एफएसएल ग्वालियर श्री डॉ अखिलेश भार्गव एवं डॉ विनोद डींगरा द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण एवं घटना स्थल से साक्ष्य संकलन एवं प्रारंभिक जांच में एफएसएफ की भूमिका के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

आज के प्रशिक्षण में प्रधान आरक्षक से निरीक्षक स्तर के लगभग 200 प्रतिभागी उपस्थित हुए। यह प्रशिक्षण 28.04.2025 से 30.04.2025 तक आयोजित किया जावेगा, जिससे अधिक से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मचारी नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 से अवगत हो सकें।

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