ग्वालियर। दिनांक 25.06.2024 – नवीन आपराधिक अधिनियम-2023 जो कि दिनांक 01 जुलाई 2024 से लागू होने जा रहा है, उसके लिए ग्वालियर जिले के समस्त राजपत्रित पुलिस अधिकारियों के लिये पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) के मार्गदर्शन में पुलिस कंट्रोल रूम सभागार में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में अति. पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) श्री गजेन्द्र वर्धमान, अति. पुलिस अधीक्षक(ग्रामीण) श्री निरंजन शर्मा, अति. पुलिस अधीक्षक(मध्य) श्री अखिलेश रेनवाल, सहित समस्त सीएसपी एवं एसडीओपीगण उपस्थित रहें। प्रशिक्षण के दौरान एडीपीओ श्री रामप्रताप शर्मा ने उपस्थित अधिकारियों को नवीन कानून में होने वाले परिवर्तनों और उनके सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक पक्ष के संबंध में जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण के प्रारम्भ में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) ने उपस्थित राजपत्रित पुलिस अधिकारियों से कहा कि नवीन कानून 01 जुलाई 2024 से लागू होने जा रहा है। इसलिए आप सभी को भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में नये कानूनों में हुए परिवर्तन एवं प्रक्रिया तथा साक्ष्य संकलन के संबंध में बारीकी से अध्ययन कर लेना चाहिए। नये कानून में डिजिटल साक्ष्य, फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व को बढ़ाया गया है एवं हर चीज की समय सीमा को निर्धारित किया गया है कि कितने समय में विवेचना पूर्ण करके चार्टशीट पेश करना है और विवेचना 01 जुलाई से नये कानून के दायरे में ही करना है। प्रशिक्षण में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों को हटाई गई धाराओं और ऐसी सभी धाराओं के बारे में विस्तार से बताया, जिनमें बदलाव किया गया है या जो नई जोड़ी गई हैं। उनके द्वारा बताया गया कि नवीन कानूनों में ई-रिकॉर्ड का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत जीरो एफआइआर, ई-एफआइआर और चार्जशीट डिजिटल होंगे और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शिकायत दायर करने पर नियत समय में एफआइआर दर्ज करने का प्रावधान है। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा इस अवसर पर उपस्थित पुलिस अधिकारियों से नवीन कानून की विभिन्न धाराओं पर विस्तृत चर्चा की।

आज प्रशिक्षण में विधि विशेषज्ञ एडीपीओ श्री रामप्रताप शर्मा द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों को नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 में नये कानूनों में हुए परिवर्तन एवं प्रक्रिया की प्रासंगिकता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। विधि विशेषज्ञ द्वारा पुराने एवं नवीन कानूनों की तुलनात्मक जानकारी भी गई गई। प्रशिक्षण में विधि विशेषज्ञ ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी शंका का समाधान भी किया।

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