🔴 कर्जदारों को लगभग 35 लाख रूपये का कर्ज न देना पड़े इसलिए रची गई लूट की झूठी कहानी।

ग्वालियर। दिनांक 25.07.2025 –
घटना का संक्षिप्त विवरणः- फरियादी अखिलेश पाल पुत्र मुकेश पाल निवासी ग्राम सेखपुरा थाना महाराजपुरा जिला ग्वालियर ने दिनांक 24.07.2025 को रात में बेहटा चौकी पर सूचना दी थी कि दो मोटर साइकिल पर सवार 06 बदमाशों ने बेहटा पुल के नीचे उसकी गाड़ी के सामने के कांच व हेल्पर साइड के कांच में डंडा मारकर तथा रोड़ पर पत्थर रखकर उसकी गाड़ी को रोका गया। बदमाशों ने उसे गाड़ी से उतारकर तलाशी ली तो उन्हे कुछ नही मिला उसके बाद उन्होने गाड़ी की पीछे वाली सीट पर देखा तो एक ब्लैक कलर का छोटा बैग दिखा, जिसमें 12 लाख रूपये रखे थे, वह लोग 12 लाख रूपये रखे हुए बैग को लेकर खेतों की तरफ भाग गये। 12 लाख रूपये लूट की सूचना मिलने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया।

उक्त सूचना को गंभीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पूर्व/यातायात/अपराध) श्री कृष्ण लालचंदानी (भापुसे) को थाना महाराजपुरा की पुलिस टीम से उक्त सूचना की तस्दीक कराकर त्वरित कार्यवाही कराने हेतु निर्देशित किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार सीएसपी महाराजपुरा श्री नागेन्द्र सिंह सिकरवार के कुशल मार्गदर्शन में थाना प्रभारी महाराजपुरा निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव द्वारा बेहटा चौकी प्रभारी उनि0 क्षमा राजौरिया के नेतृत्व में पुलिस की टीम को उक्त घटना की तस्दीक व कार्यवाही हेतु लगाया गया।

दौराने तस्दीक पुलिस द्वारा फरियादी के दिये गये कथनों में विसंगति होने से घटना घटित होने की शंका हुई। जब पुलिस टीम द्वारा फरियादी से गहनता से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह खेती किसानी का कार्य करता है। दिनांक 24.07.2025 को वह ओरा कार जो कि मनीष यादव के नाम से है उससे वह मुरार गया था और हुरावली चौराहा होते हुए हाइवे पर जा रहा था, तभी बेहटा पुल के नीचे मेरे मन में विचार आया कि मेरे तथा घर वालों पर लगभग 35 लाख रूपये का कर्ज है क्यो न लूट की झूठी कहानी बनाई जाए जिससे जिन-जिन लोगों से मैने कर्ज लिया है उनके नाम पुलिस को बता देंगे तो मुझे उनके रूपये नही देना पडेंगे।

फरियादी से पुलिस द्वारा लूटे गये 12 लाख रूपये के संबंध में पूछताछ करने पर उसने बताया कि मेरे साथ बेहटा पुल के नीचे कोई लूट नही हुई थी और ना ही मेरे पास 12 लाख रूपये थे, गाड़ी के कांच भी मेरे द्वारा ही तोड़े गये थे और मौके पर रोड़ पर पत्थर भी मेरे द्वारा ही रखे गये थे। मैने अपने भाई व पिताजी को गांव में फोन कर मेरे साथ हुई झूठी लूट की कहानी बताई थी, जिससे गांव वाले मौके पर आ जायेंगे जिससे पुलिस द्वारा लूट की घटना सही मान ली जायेगी।

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